अब मै समझा तेरे , रुकसार पे तिल का मतलब .,,.
दौलत -ए-हुस्न पे दरबान बिठा रक्खा है .,.,.!!!!
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हमें करते हो मजबूर शरारतों के लिए, खुद ही हमारी शरारतों को बुरा बताते हो .,.,!!
अगर इतना ही डरते हो तुम आग से, तो बताओ तुम आग क्यों भड़काते हो.,.,.,!!!!!
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क़हक़हों में गुज़र रही है हयात,
अब किसी दिन उदास भी कर दे|
फिर न कहना के ख़ुदकुशी है गुनाह,
आज फ़ुर्सत है फ़ैसला कर दे|.,.,.,!!!!
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जो बसेरा है अपनी रातों का ,
सब उसे आसमान कहते हैं !
छत पे बारिश ने रात काटी है ,
गीले-गीले निशान कहते हैं.,.,.,!!! ----------------------------------------------------------
दिल कि दबिश के सामने औकत क्या तेरी ,
रफ़्तार- ए-वक़्त थम, के ग़ज़ल कह रहा हूं मैं ..."!!!!
दौलत -ए-हुस्न पे दरबान बिठा रक्खा है .,.,.!!!!
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हमें करते हो मजबूर शरारतों के लिए, खुद ही हमारी शरारतों को बुरा बताते हो .,.,!!
अगर इतना ही डरते हो तुम आग से, तो बताओ तुम आग क्यों भड़काते हो.,.,.,!!!!!
क़हक़हों में गुज़र रही है हयात,
अब किसी दिन उदास भी कर दे|
फिर न कहना के ख़ुदकुशी है गुनाह,
आज फ़ुर्सत है फ़ैसला कर दे|.,.,.,!!!!
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जो बसेरा है अपनी रातों का ,
सब उसे आसमान कहते हैं !
छत पे बारिश ने रात काटी है ,
गीले-गीले निशान कहते हैं.,.,.,!!! ----------------------------------------------------------
दिल कि दबिश के सामने औकत क्या तेरी ,
रफ़्तार- ए-वक़्त थम, के ग़ज़ल कह रहा हूं मैं ..."!!!!
Ab mai samjha tere rukhsar pe til ka matlab- 2 Liner, Urdu Sher
Reviewed by Ashish Awasthi
on
September 21, 2012
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