Mehfil- 2 Liners, Urdu Sher, Shayri, Kavita, Ghazal in Hindi Font Part-5

वह समझता है शराफ़त को ऊन का कुर्ता,.,
जब कड़ी धूप हो उसको उतार आता है,.,!!!

Wah samajhta hai sharafat ko oon ka kurta
Jab kadi dhoop ho usko utaar aata hai

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मालूम हमें भी है बहुत से तेरे किस्से
पर बात तेरी हमसे उछाली नहीँ जाती ,.,!!

Maalum hame bhi hai bahut se tere kisse
Par baat teri hamse uchhali nahin jaati

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छोड़ो बिखरने देते हैं जिन्दगी को
आखिर समेटने की भी हद होती है,.,!!

Chhodo bikharne dete hain jindagi ko
Aakhir sametane ki bhi had hoti hai

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फिर से हर बूँद में उसकी याद की लज़्ज़त ला कर ...
बारिशे आग लगाने का हुनर लायी हैं ... !!!

Fir se har boond me uski yaad ki lajjat lakar
Barishen aag lagane ka hunar laayi hai



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आतिश-ए-रंग-ए-हिना से मछलियां जलने लगी ,.,
तुम ने धोये जो दरिया के किनारे हाथ पाँव अपने ,.,!!!

Aatish-e-rang-e-hina se machhliyan jalne lagi
Tumne dhoye jo dariya ke kinare haath paon apne

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हमने तो नमाजे पढी है ,.,
अक्सर गंगा तेरे पानी से वजू कर कर,.,!!

Hamne to namaje padhi hai
Aksar ganga tere paani se waju kar kar

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मैखाने लाख बन्द करे जमाने वाले,
शहर में कम नहीं नजरो से पिलाने वाले...!!!

Maikhane laakh ban kre jamane wale
Shehar me kam nahi najaro se pilane wale

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वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच ?
मै ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था "इश्क", हज़ारों के बीच...!!!    

Wo kane lagi, nakab me bhi pahchan lete ho hajaron ke beech ?
Maine muskura ke kaha, teri aankho se shuru hua tha ishq hajaro ke beech

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इश्क़ पर ज़ोर नहीं ,है ये वो आतिश ग़ालिब ,.,
के लगाये न लगे ,बुझाए न बुझे ,.,!!

Ishq par jor nahi, hai ye wo aatish ghalib
Ke lagaye na lage , bujhaye na bujhe

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रहता हूँ जिस जंमीं पर वही ओढ़ लूंगा ,.,
अंजाम तक पहुँचूँ गा मैं अंजाम से पहले ,.,!!

Rahta hu jis jameen par wahi odh lunga
Anjaam tak pahuchu ga mai anjaam se pahle




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सामने बैठ के जो दिल चुराए कोई ,.,
ऐसे चोर का पता खाक लगाये कोई ,.,!!!

Saamne baith ke jo dil churaye koi
Aise chor ka pata khak lagaye koi

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होंठ मिला दिए उसने मेरे होंठो से यह कह कर.,.,
अगर शराब छोड़ दोंगे तो ये जाम रोज मिलेगा..!!!

Honth mila diye usne mere hontho se yah kah kar
Agar sharab chhod doge to ye jaam roj mile ga

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हमदर्दियाँ जनाब मुझे काटती हैं अब,.,
यूँ खामखाँ मिजाज ना पूछा करे कोई..!!!

Hamdardiyan janab mujhe kaatati hain ab
Yun khamkha mijaaj na poochha kare koi

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तेरी यादें.....कांच के टुकड़े.....!
और मेरा दिल ....नंगे पाँव...!!

Teri yaade kaanch ke tukde
Aur mera dil nange pano

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सौ बार मरना चाहा उसकी निगाहों में डूब कर,
वो निगाहें झुका लेती है हमें मरने नहीं देती..!!!

Sau baar marna chaha uski nigahon me doob kar
Wo nigahen jhuka leti hai hame marne nahi deti

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मोबाइल चलाना जिसे सिखा रहा हूँ मैं,
उसने मुझे दुनिया मे चलना सिखाया था ,.,!!

Mobile chalana jise sikha raha hun mai
Usne mujhe duniya me chalna sikhaya tha

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उसने हमारे ज़ख्मो का कुछ यूँ किया इलाज़ ।
मरहम भी लगाया तो काटों कि नोक से ,..!!!

Usne hamare jakhmo ka kuchh yun kiya ilaaj
Marham bhi lagaya to katon ki nok se

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यहाँ लिबास की कीमत है आदमी की नहीं,
मुझे गिलास बड़ा दे, शराब कम कर दे...!!!    

Yahan libaas ki keemat hai aadmi ki nahi
Mujhe gilaas bada de , sharab kam kar de

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अक्ल आई थी मशवरा देने,
इश्क़ ने मुस्कुरा के लौटा दिया..,.,!!!

Akl aayi thi mashvara dene
Ishq ne muhkara ke lauta diya

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गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर ..
ज़िन्दगी ने वफ़ा की तो कल फिर सिलसिले होंगे ..!!!

Gujar gaya din apne tamam raunake lekar
Jindagi ne wafa ki to kal fir silsile honge

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सो गये बिस्तर पे वो चेहरे पे दुपट्टा डालकर,.,
मेरे कमरे की अचानक रौशनी कम हो गयी ,.,!!!

So gaye bistar pe wo chehare pe dupatta daal kar
Mere kamre ki achanak raushani kam ho gayi

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तिनका तिनका जोड़ कर बनाया था बसेरा उसने,
फिर भी कमबख्त लोग कहते है खाली है झोपड़ा उसका,.,!!  

Tinka tinka jod kar banaya tha basera usne
Fir bhi kambakht log kahte hain khaali hai jhopada uska

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सलवटें देख चेहरे पे हैरान क्यूँ हो ?
ज़िंदगी ने मुझे तुमसे कुछ ज़्यादा पहना है,.,!!!

Salwaten dekh chehare pe hairan kyu ho ?
Jindagi ne mujhe tumse jyada pahna hai

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सबके कर्जे चुका दुंगा मरने से पहले
ऐ जिंदगी बता तेरी कीमत क्या है .,.,!!!

Sabke karje chuka dunga marne se pahle
Ae jindagi bata teri keemat kya hai ?

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वजह पूछोगी तो उम्र गुजर जाएगी,
कहा ना कि..
अच्छी लगती हो तो बस अच्छी लगती हो,.,!!!

Vajah poochho gi to umra gujar jaaye gi
Kaha na ki
Achhi lagti ho to bas achhi lagti ho

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जिनसे खेलने की उम्र है उसकी..
वो उन खिलोनो को.. सड़क पर बेचता है,.,!!!

Jinse khelne ki umra hai uski
Wo un khilauno ko sadak par bechata hai

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कुछ जुर्म नहीं इश्क जो दुनिया से छुपाएं,,.,
हमने तुम्हें चाहा है, हजारों में कहेंगे.,.,!!

Kuchh jurm nahi ishq jo duniya se chhupayen
Hamne tumhe chaha hai , hajaron me kahe ge

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सनम है अगर मेरा तो मेरे नाज़ भी उठा ..!!
रुठुंगा मैं हज़ार बार तेरी गरज तू मना ..!!

Sanam hai agar mera to mere naaj bhi utha
Ruthun ga mai hajaar bar teri garaj tu mana

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मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकिन है....
कोई मुझे छोड तो सकता है मगर भुला नही सकता.,.,!!!

Mujhe apne kirdar pe itna to yakeen hai
Koi mujhe chhod to sakta hai magar bhula nahi sakta

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उस ने उलझा दिया दुनिया में मुझे
वरना इक और क़लंदर होता,.,!!!

Usne uljha diya duniya me mujhe
Varna ek aur kalandar hota

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Mehfil- 2 Liners, Urdu Sher, Shayri, Kavita, Ghazal in Hindi Font Part-5 Mehfil- 2 Liners, Urdu Sher, Shayri, Kavita, Ghazal in Hindi Font Part-5 Reviewed by Ashish Awasthi on May 15, 2014 Rating: 5

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