Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-36
वो बस जाती है फकीरी में अक्सर ,
तहजीब दौलत की मोहताज नहीं होती,.,!!
मुक़द्दर में लिखा कर लाएँ हैं हम दर-बदर फिरना
परिंदे कोई मौसम हो परेशानी में रहते हैं,.,!!
उनकी एक झलक पे ठहर जाती है नज़र....खुदाया
कोई हमसे पुछे...दीवानगी क्या होती है ,.,!!!
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता,.,!!
उसका काला टीका किसी सुदर्शन चक्र से कम नहीं..
माँ एक उंगली काजल से सारी बलायें टाल देती है..!!
अजीब ज़माना आया हैं वो शख्स खफा सा लगता हैं ,
मैं दिल तो दे दूँ उस को मगर वो बेवफा सा लगता हैं .,.,!!
जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ,.,!!!
अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी
मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले,.,!!!
ऐ बेख़ुदी ठहर कि बहुत दिन गुज़र गए
मुझको ख़याल-ए-यार कहीं ढूँडता न हो,.,!!
फुर्सत मिले अगर दूसरो से तो समझना मुझे ज़रूर
तुम्हारी उलझनों का मै मुकम्मल इलाज हूँ.,.,!!
एक रात आप ने उम्मीद पे क्या रक्खा है
आज तक हम ने चराग़ों को जला रक्खा है,.,!!
उम्र कैसे कटेगी 'सैफ़' यहाँ
रात कटती नज़र नहीं आती,.,!!
मुझ को ऊँचाई से गिरना भी है मंज़ूर,
अगर उस की पलकों से जो टूटे, वो सितारा हो जाऊँ !
जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में
लैला तो ऐ क़ैस मिलेगी दिल के दौलत-ख़ाने में !!!
खत की खुशबू ये बता रही थी ,.,
लिखते हुए उसकी जुल्फें खुली थी ,.,!!
दिल खामोश सा रहता है आज कल
मुझे शक है कहीं मर तो नही गया !!
ग़रीबों पर तो मौसम भी हुक़ूमत करते रहते हैं,
कभी बारिश कभी गर्मी कभी ठंड का क़ब्ज़ा है.,.!!
ख़्वाब की वादियो से निकलता हुआ
चाँद सो कर उठा आँख मलता हुआ,.,!!
फैसला हो जो भी, मंजूर होना चाहिए ,
जंग हो या इश्क, भरपूर होना चाहिए,.,!!
तहजीब दौलत की मोहताज नहीं होती,.,!!
मुक़द्दर में लिखा कर लाएँ हैं हम दर-बदर फिरना
परिंदे कोई मौसम हो परेशानी में रहते हैं,.,!!
उनकी एक झलक पे ठहर जाती है नज़र....खुदाया
कोई हमसे पुछे...दीवानगी क्या होती है ,.,!!!
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता,.,!!
उसका काला टीका किसी सुदर्शन चक्र से कम नहीं..
माँ एक उंगली काजल से सारी बलायें टाल देती है..!!
अजीब ज़माना आया हैं वो शख्स खफा सा लगता हैं ,
मैं दिल तो दे दूँ उस को मगर वो बेवफा सा लगता हैं .,.,!!
जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ,.,!!!
अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी
मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले,.,!!!
ऐ बेख़ुदी ठहर कि बहुत दिन गुज़र गए
मुझको ख़याल-ए-यार कहीं ढूँडता न हो,.,!!
फुर्सत मिले अगर दूसरो से तो समझना मुझे ज़रूर
तुम्हारी उलझनों का मै मुकम्मल इलाज हूँ.,.,!!
एक रात आप ने उम्मीद पे क्या रक्खा है
आज तक हम ने चराग़ों को जला रक्खा है,.,!!
उम्र कैसे कटेगी 'सैफ़' यहाँ
रात कटती नज़र नहीं आती,.,!!
मुझ को ऊँचाई से गिरना भी है मंज़ूर,
अगर उस की पलकों से जो टूटे, वो सितारा हो जाऊँ !
जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में
लैला तो ऐ क़ैस मिलेगी दिल के दौलत-ख़ाने में !!!
खत की खुशबू ये बता रही थी ,.,
लिखते हुए उसकी जुल्फें खुली थी ,.,!!
दिल खामोश सा रहता है आज कल
मुझे शक है कहीं मर तो नही गया !!
ग़रीबों पर तो मौसम भी हुक़ूमत करते रहते हैं,
कभी बारिश कभी गर्मी कभी ठंड का क़ब्ज़ा है.,.!!
ख़्वाब की वादियो से निकलता हुआ
चाँद सो कर उठा आँख मलता हुआ,.,!!
फैसला हो जो भी, मंजूर होना चाहिए ,
जंग हो या इश्क, भरपूर होना चाहिए,.,!!
Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-36
Reviewed by Ashish Awasthi
on
March 19, 2017
Rating:
No comments: