Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-39
सलीक़े से हवाओं में वो खुश्बू घोल सकते हैं,
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं.,.!!
एक दूकान के आगे लिखा था की उधार एक जादू है,
हम देंगे और आप गायब हो जाओगे......।।
अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर
पल दो पल साथ रहकर मेरी आदत ना खराब करते..!!
दिल की नाज़ुक रगें टूटती हैं
याद इतना भी कोई न आए,.,!!
सबको हम भूल गए जोश-ए-जुनूँ में लेकिन
इक तेरी याद थी ऐसी जो भुलाई न गई,.,!!
किसे ख़बर थी न जाएगी दिल की वीरानी
मैं आईनों में बहुत सज-सजा के बैठ गया,.,!!
हमें माशूक़ को अपना बनाना तक नहीं आता
बनाने वाले आईना बना लेते हैं पत्थर से,.,!!
ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है
याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे,.,!!
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं,.,!!
छत की कड़ियों से उतरते हैं मेरे ख़्वाब
मगर मेरी दीवारों से टकरा के बिखर जाते हैं,.,!!
मैं सच कहूंगी मगर फ़िर भी हार जाऊँगी
वो झूठ बोलेगा और लाजवाब कर देगा.,.,!!
रूठ कर आँख के अंदर से निकल जाते हैं
अश्क बच्चों की तरह घर से निकल जाते हैं,.,!!
गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने दिल को छोटा करूँ
सुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं,.,!!
ख़ुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा
जिसे नफ़रत है उस के आदमी से,.!!
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम,.,!!
इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया,.,!!
मैं ने उन सब चिड़ियों के पर काट दिए
जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था,.,!!
'शुजा' मौत से पहले ज़रूर जी लेना
ये काम भूल न जाना बड़ा ज़रूरी है,.,!!
मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं
मैं आदमी हूँ मिरा ए'तिबार मत करना,.,!!
बात से बात की गहराई चली जाती है
झूट आ जाए तो सच्चाई चली जाती है,.,!!
दोस्तों का क्या है वो तो यूँ भी मिल जाते हैं मुफ़्त
रोज़ इक सच बोल कर दुश्मन कमाने चाहिएँ,.,!!
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं.,.!!
एक दूकान के आगे लिखा था की उधार एक जादू है,
हम देंगे और आप गायब हो जाओगे......।।
अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर
पल दो पल साथ रहकर मेरी आदत ना खराब करते..!!
दिल की नाज़ुक रगें टूटती हैं
याद इतना भी कोई न आए,.,!!
सबको हम भूल गए जोश-ए-जुनूँ में लेकिन
इक तेरी याद थी ऐसी जो भुलाई न गई,.,!!
किसे ख़बर थी न जाएगी दिल की वीरानी
मैं आईनों में बहुत सज-सजा के बैठ गया,.,!!
हमें माशूक़ को अपना बनाना तक नहीं आता
बनाने वाले आईना बना लेते हैं पत्थर से,.,!!
ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है
याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे,.,!!
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं,.,!!
छत की कड़ियों से उतरते हैं मेरे ख़्वाब
मगर मेरी दीवारों से टकरा के बिखर जाते हैं,.,!!
मैं सच कहूंगी मगर फ़िर भी हार जाऊँगी
वो झूठ बोलेगा और लाजवाब कर देगा.,.,!!
रूठ कर आँख के अंदर से निकल जाते हैं
अश्क बच्चों की तरह घर से निकल जाते हैं,.,!!
गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने दिल को छोटा करूँ
सुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं,.,!!
ख़ुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा
जिसे नफ़रत है उस के आदमी से,.!!
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम,.,!!
इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया,.,!!
मैं ने उन सब चिड़ियों के पर काट दिए
जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था,.,!!
'शुजा' मौत से पहले ज़रूर जी लेना
ये काम भूल न जाना बड़ा ज़रूरी है,.,!!
मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं
मैं आदमी हूँ मिरा ए'तिबार मत करना,.,!!
बात से बात की गहराई चली जाती है
झूट आ जाए तो सच्चाई चली जाती है,.,!!
दोस्तों का क्या है वो तो यूँ भी मिल जाते हैं मुफ़्त
रोज़ इक सच बोल कर दुश्मन कमाने चाहिएँ,.,!!
Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-39
Reviewed by Ashish Awasthi
on
April 09, 2017
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