Mai Shunya hu - Kavita by Ashish Awasthi

ना खोया है कुछ, न कुछ पाया है ,.,
एक शुन्य हूँ मै .,.,
जिसका कोई अस्तित्व ही नही है अकेले में.,
पर मुझे इस पर गम नही ,
क्यों ?
कि दुनिया का आधार हूँ .,.,
मै शुन्य हूँ .,. 




                                       -आशीष अवस्थी
Mai Shunya hu - Kavita by Ashish Awasthi Mai Shunya hu - Kavita by Ashish Awasthi Reviewed by Ashish Awasthi on October 04, 2012 Rating: 5

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