Zindagi Jee Rahe To Maut Se Inkar Mat Karna- Hindi Kavita By Ashish Awasthi

जिंदगी जी रहे तो मौत से इंकार मत करना
चाहते चलो सबको पर खुद को बेक़रार मत करना

जेब बड़ी हो जाये अच्छा ही है ये तो
ज़मीर भूल के फरेब का इख़्तियार मत करना

सबसे मिलो, हँसो और बातें करो
पर भूले से भी किसी का ऐतबार मत करना

प्यार बेहिचक बांटते रहो दुनिया में
किसी मासूम का कभी शिकार मत करना

कोई रोक दे तुमको तो और बात है
खुद की नेकी से कभी इंकार मत करना

जिस ओर जाने को मना किया था माँ ने
उस रस्ते को कभी पार मत करना ।।


Zindagi Jee Rahe To Maut Se Inkar Mat Karna- Hindi Kavita By Ashish Awasthi Zindagi Jee Rahe To Maut Se Inkar Mat Karna- Hindi Kavita By Ashish Awasthi Reviewed by Ashish Awasthi on July 17, 2018 Rating: 5

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